इंडियन आइडल फेम और यूट्यूब सिंगर फरमानी नाज (Farmani Naaz) भगवान शिव पर आधारित ‘हर-हर शंभू’ गाना गाने को लेकर कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई हैं। एक तरफ जहां लोग इस गाने की वजह से फरमानी नाज की जमकर सराहना कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ देवबंद के कुछ मौलाना इसकी कड़ी निंदा कर रहे हैं। इस विवाद के बीच फरमानी नाज ने कहा है कि वह एक कलाकार हैं और उन्हें हर तरह के गानों को गाना पड़ता है।
मुजफ्फरनगर की रहने वाली है फ़रमानी नाज
यूपी के मुजफ्फरनगर जनपद के रतनपुर थाना क्षेत्र स्थित मोहम्मदपुर माफी गांव की रहने वाली फरमानी नाज की शादी 25 मार्च 2017 को मेरठ के छोटा हसनपुर गांव निवासी इमरान से हुई थी, लेकिन शादी के एक साल बाद बेटा होने के बाद फरमानी को उनके ससुरालवालों ने परेशान करना शुरू कर दिया। फरमानी के बेटे के गले में कोई बीमारी थी, जिसके वजह से ससुराल वाले उस पर अपने मायके से पैसे लाने का दबाव बनाते थे। इससे परेशान होकर फरमानी अपने बेटे के साथ मायके मोहम्मदपुर माफी आकर रहने लगी।
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फरमानी की मां फ़ातिमा की मानें तो गांव के ही एक युवक राहुल उर्फ़ भूरा के पास बाहर से कुछ लोग वीडियो बनाने के लिए आते थे। एक दिन उन्होंने फरमानी को गाते सुना जो उन्हें बहुत पसंद आया। उन्होंने फरमानी का गाना रिकॉर्ड कर यूट्यूब चैनल पर डाल दिया, जिसकी लोगों ने जमकर सराहना की थी। इस दौरान फ़रमानी इंडियन आइडल में भी गई थीं, जहां से बच्चे की तबीयत ख़राब होने के चलते उन्हें वापस आना पड़ा था। इसके बाद से फरमानी यूट्यूब सिंगर बन कर सामने आई थी। अब फरमानी अपने बच्चे का पालन पोषण गाने गाकर ही करती हैं।
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मुफ़्ती ने कहा- इस्लाम में नाच गाना जायज नहीं..
फरमानी नाज उस वक्त विवादों में आईं, जब उन्होंने इस बार की कांवड़ यात्रा में शिव शंभू का एक गाना रिकॉर्ड कर यूट्यूब चैनल पर डालकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जनता ने इस गाने की जमकर सराहना की, लेकिन देवबंदी मौलवियों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। देवबंद के उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने कहा है कि वो इस्लाम में नाच-गाना बिल्कुल जायज नहीं समझते हैं। शरीयत इसकी इजाजत भी नहीं देता है, जिस औरत ने ये काम किया है उसे अल्ला से तौबा करनी चाहिए।
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फ़रमानी की मां फातिमा ने बताया कि बेटी के ससुराल वाले उसकी सफलता से परेशान होकर यह सब कर रहे हैं। उनकी बेटी अपने बेटे को भी पाल रही है, नमाज भी पढ़ती है और रोजा भी रखती है। मां ने बताया कि वह यह सब कुछ अपने बच्चे को पालने के लिए कर रही है। वह भक्ति गीत भी गाती है और कव्वाली भी। यह बात कुछ लोगों को अच्छी नहीं लग रही है।
उधर फरमानी नाज ने कहा कि वह एक कलाकार है और उसे सभी तरह के गाने गाने पड़ते हैं। बता दें कि मौलाना मुफ्ती अरशद फारुकी ने फरमानी नाज का नाम लिए कहा कि किसी दूसरे धर्म की शिनाख्त वाले कार्यों से मुसलमानों को परहेज करना चाहिए। क्योंकि इस्लाम मजहब में इस तरह के क्रियाकलापों की सख्ती के साथ मनाही है। मुसलमानों को गैर इस्लामी कार्यों से बचना चाहिए।
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