बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर में बिहार शिक्षा विभाग द्वारा एक अजीबोगरीब गलती सामने आई है, जिसमें एक पुरुष शिक्षक को प्रेग्नेंट (गर्भवती) घोषित कर दिया गया और उसे मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) प्रदान कर दी गई। यह घटना महुआ प्रखंड के उच्च विद्यालय हसनपुर ओसती में तैनात शिक्षक जितेंद्र कुमार सिंह के साथ हुई।
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प्रतीकात्मक चित्र Credit: CG Sandesh |
शिक्षक के मामले में यह गड़बड़ी तब सामने आई जब उनकी छुट्टी के आवेदन में तकनीकी कारणों से उनके लिए मातृत्व अवकाश का डेटा दर्ज कर दिया गया। शिक्षा विभाग ने उन्हें गर्भवती घोषित कर दिया, जिसके बाद उनका नाम ई-शिक्षा पोर्टल पर मैटरनिटी लीव के तहत दर्ज हो गया।
जब इस मामले के बारे में प्रखंड शिक्षा अधिकारी अर्चना कुमारी से पूछा गया, तो उन्होंने इसे एक तकनीकी गलती बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुरुष शिक्षक को मातृत्व अवकाश नहीं दिया जाता और जल्द ही इस गलती को सुधारने का आश्वासन दिया।
मातृत्व और पितृत्व अवकाश में अंतर
1. मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव):
यह छुट्टी मुख्य रूप से महिला कर्मचारियों को मिलती है, जब वे गर्भवती होती हैं और बच्चों को जन्म देने के बाद विश्राम की आवश्यकता होती है। सरकारी और निजी क्षेत्र में इस अवकाश की अवधि सामान्यतः 6 महीने (180 दिन) होती है, लेकिन कुछ जगहों पर यह अलग-अलग हो सकती है।
उद्देश्य: महिला कर्मचारियों को प्रसव के बाद शारीरिक और मानसिक रूप से आराम देने के लिए।
2. पितृत्व अवकाश (पैटरनिटी लीव):
यह छुट्टी पुरुष कर्मचारियों को मिलती है जब वे पिता बनते हैं। यह अवकाश आमतौर पर 2-3 दिन का होता है, जो बच्चे के जन्म के तुरंत बाद लिया जा सकता है।
उद्देश्य: पिता को नवजात बच्चे और पत्नी की देखभाल में मदद करने के लिए।
इस घटना के बाद से सोशल मीडिया पर बिहार शिक्षा विभाग का जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है। कई यूजर्स ने इस पर चुटकुले बनाते हुए कहा, "बच्चा पैदा करने वाला पहला मर्द" और "अजब गजब बिहार"। इस गड़बड़ी ने बिहार शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं और विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
बिहार शिक्षा विभाग को इस घटना से सबक लेना चाहिए और भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों से बचने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए ताकि ऐसी परिस्थितियां पुनः उत्पन्न न हों।