बिहार में शराबबंदी संशोधन बिल जल्द ही कानून का रूप ले लेगा। बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों से पास होने के बाद अब राज्यपाल से मंजूरी मिलते ही राज्य में यह कानून प्रभावी हो जाएगा। इसके साथ ही यह भी साफ हो गया है कि पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाने पर आरोपित को दो से पांच हजार तक का जुर्माना भरना होगा। लेकिन लोगों के मन में यह सवाल था कि आखिर किसी ने पहली बार शराब पी है इसकी जानकारी कैसी मिलेगी। इसके लिए सरकार की तरफ से विशेष साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है।
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शराब पीते हुए पकड़ा गया व्यक्ति पीने के आरोप में पहली बार पकड़ा गया है या दूसरी बार, इसका फैसला अंगूठे के निशान से हो जाएगा। इसके लिए शराब पीते हुए पकड़े जाने वाले सभी आरोपितों का पूरा रिकार्ड रखा जाएगा। इसके लिए विशेष साफ्टवेयर भी विकसित किया जा रहा है।
मंत्रिमंडल सचिवालय के अनुसार, जो भी व्यक्ति शराब पीकर पकड़ा जाएगा, पुलिस उसका आधार पंजीयन नंबर और अंगूठे का निशान (थंब इंप्रेशन) अपने साफ्टवेयर में दर्ज करेगी। इसके लिए साफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है। साफ्टवेयर में दर्ज रिकार्ड के आधार पर पकड़े गए शराबी का मिलान कराया जाएगा। अगर वह निशान पहले से दर्ज होगा तो यह पता चल जाएगा कि वह इससे पहले भी शराब पीता हुआ पकड़ा गया है।
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पकड़े गए व्यक्ति ने शराब पहली बार पी या दूसरी बार, इसका पता उसके स्थायी पते के थाने से भी किया जा सकेगा। दरअसल, थाना पुलिस अपने क्षेत्र में रहने वाले अभियुक्तों का पूरा ब्योरा तैयार रखती है जिसे सीडी स्लिप कहा जाता है। अभियुक्त चाहे किसी भी इलाके में अपराध करते हुए पकड़ा जाए, वहां की पुलिस उसके स्थायी पते के थाने से संपर्क करती है। वहां के थाने में अगर उस अभियुक्त का सीडी स्लिप बना होता है तो इसकी जानकारी उस थाने को दे दी जाती है, जहां वह पकड़ा गया है।
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