प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान मंगलवार देर रात संगम तट पर मची भगदड़ में कम से कम 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 90 से अधिक लोग घायल हो गए। मृतकों में उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और असम के श्रद्धालु शामिल हैं। घायलों का इलाज स्थानीय अस्पतालों में किया जा रहा है। प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की गई है।
कैसे हुआ हादसा?
मौनी अमावस्या के दिन त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे थे। पुलिस के अनुसार, रात करीब 11 बजे अचानक एक जगह बैरिकेड टूट गया, जिससे अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद धक्का-मुक्की शुरू हो गई और भीड़ बेकाबू हो गई। कुछ श्रद्धालु गिर गए और भगदड़ के कारण कई लोग कुचले गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्थिति इतनी भयावह थी कि बचाव कार्य में पुलिस को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया
घटना के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से पीड़ित परिवारों के साथ है और घायलों के इलाज के लिए हरसंभव मदद की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
घटना की जांच के आदेश
मुख्यमंत्री ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को तुरंत प्रयागराज पहुंचकर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, प्रशासन ने नागरिक सुरक्षा बल, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को राहत कार्य में लगाया है।
श्रद्धालुओं से प्रशासन की अपील
- भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सावधानी बरतें।
- प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
- अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।
भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम
- मेला क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
- भीड़ नियंत्रण के लिए नए प्लान तैयार किए जा रहे हैं।
- वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
- पुलिसकर्मियों और वॉलंटियर्स की संख्या बढ़ाई जा रही है।
प्रयागराज महाकुंभ में हुई इस दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। सरकार और प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने और पीड़ित परिवारों को राहत देने में जुटे हैं। न्यायिक जांच के बाद ही सही कारणों का पता चल पाएगा और दोषियों पर कार्रवाई होगी।