नालंदा: बिहार में इंटरमीडिएट परीक्षा के दौरान नालंदा जिले में एक अनोखी घटना घटी। बिहारशरीफ के सदर अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) काजले वैभव नितिन खुद साइकिल पर सवार होकर परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करने निकले। जब वे एसएस बालिका उच्च विद्यालय के पास पहुंचे, तो वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें पहचान नहीं पाया और अंदर जाने से रोक दिया।
पुलिसकर्मी ने नहीं पहचाना SDO, मुस्कुराते हुए बढ़े आगे
बिना किसी लाव-लश्कर के साइकिल पर आए SDO को सुरक्षा ड्यूटी में तैनात एक पुलिसकर्मी ने आम नागरिक समझकर रोका और आगे बढ़ने का इशारा किया। दिलचस्प बात यह रही कि SDO काजले वैभव नितिन ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई, बल्कि मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गए। इस घटना के बाद जब पुलिसकर्मियों को SDO के बारे में जानकारी मिली, तो वे हड़बड़ा गए। हालांकि, SDO ने इस मामले को गंभीरता से लेने के बजाय इसे सामान्य रूप से लिया और कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी कर रहे थे।
देर से पहुंचे छात्रों को नहीं मिली परीक्षा में एंट्री, हंगामा
इस दौरान परीक्षा केंद्र पर कुछ परीक्षार्थी देरी से पहुंचे, लेकिन उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। परीक्षा नियमानुसार परीक्षा शुरू होने के बाद किसी भी परीक्षार्थी को केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं होती। इस पर कुछ छात्रों ने हंगामा भी किया, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत करा दिया।
SDO की अपील: समय पर परीक्षा केंद्र पहुंचे छात्र
SDO ने सभी छात्रों से समय का विशेष ध्यान रखने की अपील की ताकि भविष्य में किसी को परीक्षा से वंचित न रहना पड़े। उन्होंने बताया कि जिले के 41 परीक्षा केंद्रों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो रही है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि नकलविहीन और पारदर्शी परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा।