सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन ने अब 'गांधीगिरी' और सख्ती दोनों का रास्ता अपना लिया है। मंगलवार को लालू यादव चौक पर एक अलग ही नजारा देखने को मिला, जब जिलाधिकारी (DM) श्री रिची पांडेय खुद सड़क पर उतरे। उन्होंने नियम तोड़ने वालों का चालान काटने के बजाय उन्हें गुलाब का फूल और मुफ्त हेलमेट देकर जीवन रक्षा का पाठ पढ़ाया।
डीएम ने पेश की अनूठी मिसाल
सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से चलाए गए इस विशेष अभियान में डीएम के साथ अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन) श्री बृजकिशोर पांडेय और जिला परिवहन पदाधिकारी प्रशांत कुमार भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने दोपहिया वाहन चालकों को रोका, लेकिन डराने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें समझाने के लिए।
प्रशासन की ओर से चालकों को मुफ्त हेलमेट वितरित किए गए। डीएम ने मौके पर मौजूद लोगों, विशेषकर महिलाओं और युवाओं को समझाया कि हेलमेट और सीट बेल्ट पुलिस के डर से नहीं, बल्कि अपने परिवार की खुशियों के लिए पहनना जरूरी है।
सावधान! लापरवाही पड़ेगी भारी (जुर्माने के नियम)
जागरूकता के साथ-साथ प्रशासन ने सख्त चेतावनी भी दी है। मौके पर मौजूद एमवीआई (मोटर वाहन निरीक्षक) ने स्पष्ट किया कि अब नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जुर्माने की राशि को लेकर अहम जानकारी दी:
- ₹1000 का जुर्माना: यदि आप दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट नहीं पहने हैं।
- ₹5000 तक का जुर्माना: यह नियम बेहद सख्त है। यदि आपके पास हेलमेट है (गाड़ी पर रखा है या हाथ में है) लेकिन आपने उसे सिर पर नहीं पहना है, तो इसे गंभीर लापरवाही माना जाएगा और 5000 रुपये तक का जुर्माना वसूला जा सकता है।
जीवन अनमोल है: डीएम
जिलाधिकारी रिची पांडेय ने अपील करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा नियम केवल सरकारी कानून नहीं, बल्कि जीवन बचाने का माध्यम हैं। उन्होंने कहा, "जब आप नियमों का पालन करते हैं, तो न सिर्फ अपनी जान बचाते हैं, बल्कि अपने परिवार और समाज को भी सुरक्षित रखते हैं।"
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि जागरूकता अभियान के बाद अब नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

