क्या नगर निकाय चुनाव होने के बाद भी रद्द हो जाएगा ? बिहार नगर निकाय को लेकर अभी भी संकट बरकरार है? जानिए सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट अविनाश द्वारा..

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बिहार नगर निकाय को लेकर अभी भी संकट बरकरार है , बिहार नगर निकाय चुनाव दो चरण 18 और 28 दिसम्बर को होना है लेकिन चुनाव और चुनाव परिणाम संपन्न होने के बाद भी ये चुनाव रद्द होने की पूरी सम्भावना है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के Adv. Avinash Raj Patel ने जो पुपरी पेज को बताया आप निचे पढ़ सकते है |




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बिहार नगर निकाय चुनाव की वर्तमान दशा

नमस्कार मित्रो मैं Adv. Avinash Raj Patel आगामी बिहार निकाय चुनाव की वर्तमान स्थिति के बारे में आप सभी को अवगत कराने जा रहा हूँ।
जैसा कि आप सब को पता है की दिनांक 5 दिसंबर 22 को माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी एक आदेश (Sunil Kumar vs State Of Bihar ) 
के बाद लगने लगा था की अब बिहार निकाय चुनाव पर से ग्रहण हट गया है और आगामी 18 और 28 दिसंबर को चुनाव हो ही जायेगा।

Apex Court द्वारा दिए गए आदेश का सारांश समझे तो उन्होंने कहा था की अब इस केस की अगली सुनवाई 20 जनवरी 2023 को ही होगी, जिसका मतलब ये की बिहार में चुनाव का रास्ता साफ हो गया था।
आनन फानन में दिनांक 7 दिसंबर को Petitioner सुनील कुमार ने कोर्ट में अर्जेंट plea दायर की जिसको लिस्टिंग करते हुए  Honourable Court ने इसे 9 दिसंबर को सुना जिसमे Petitioner के एडवोकेट ने ORAL MENTIONING करते हुए बिहार निकाय चुनाव को टालने का आग्रह किया ।

जिस पर माननीय न्यायधीश ने कहा की कोर्ट ने इससे पहले ही 8 नवंबर 2022 को ही बिहार सरकार द्वारा जो EBC Commission की स्थापना की गई थी उसे Denotify कर दिया था (आसान भाषा में समझे तो इसे अधिसूचित करने से मना कर दिया था ) तो हमने तो ऐसे ही चुनाव पर रोक लगा दी है।

लेकिन बिहार सरकार और राज्य चुनाव आयोग की इतनी बात भी समझ नही आ रही । चुनाव कराना या ना कराना ये हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
कोर्ट Due Process Of Law को फॉलो करती है एंड अब जो आगे की कार्यवाही होगी वो 20 जनवरी 2023 को ही होगी।



इस बात से यह तो स्पष्ट हो गया की आगामी निकाय चुनाव 18 और 28 को हो होगी लेकिन सवाल ये उठता है की क्या ये अपने पूरा कार्यकाल पूरा करेगी ? 

क्योंकि जहा तक मेरी कानूनी समझ है मैं आपको बता दू की 20 जनवरी 2023 को होने वाली सुनवाई में आगे माननीय न्यायाधीश को यह लग जाए की ये को निकाय चुनाव संपूर्ण हुआ है उसने Due Process of Law को फॉलो नही किया है तो कोर्ट की पास भारतीय संविधान के Article 142 के तहत कंप्लीट जस्टिस का विशेषाधिकार है जिसको लागु करके संपूर्ण चुनाव को ही रद्द कर सकती है।

एक बिहारी होने के नाते एक अधिवक्ता होने के नाते मेरे कुछ सवाल है बिहार चुनाव आयोग से :-
1. 18 और 28 दिसंबर को जो आप चुनाव कराने जा रहे है, तो उसमे जो आपने OBC आरक्षण दिया क्या आपने ट्रिपल टेस्ट क्वालीफाई कराया है?
2. जो आपने डेडिकेटेड कमीशन बनाई है उसमे आप कितना %आरक्षण दे रहे है ये कब बताएंगे?

3. आपने जो ईबीसी कमीशन बनाई है वो आप कब तक पब्लिक डोमेन में क्यू नही है ?
4. अगर आप आरक्षण दे रहे है तो Reservation का नया roaster कहा है?
5. अगर आप पुराने notification पर ही चुनाव करा रहे है तो फिर इतना दिन delay क्यू?

विदित हो को पिछले महीने 19 अक्टूबर को जब बिहार सरकार रिव्यू पिटीशन लेकर पटना हाई कोर्ट गई थी तो हाई कोर्ट ने भी आदेश दिया था की आप एक डेडिकेट कमीशन बनाइए, आप 50% से ज्यादा आरक्षण नहीं दे सकते, आप ट्रिपल टेस्ट क्वालीफाई कराएं जिसे बिहार सरकार अक्षरशः मानने को तैयार हो गई थी।

बिहार सरकार की हटधर्मिता देखिए कोर्ट में निकाय चुनाव को स्थगित नही किया था इस कैंसिल कर दिया गया था जिसका मतलब ये होता है की आपको नए सिरे से अधिसूचना देना होगा, लेकिन बिहार सरकार उसी नोटिफिकेशन पर उसी नॉमिनेशन पर उसी सिंबल पर चुनाव कराना चाहती है जो की समझ से परे है ।।

AVINASH RAJ PATEL
ADVOCATE 
SUPREME COURT



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