रोहतास: बिहार के लाल रोहतास निवासी सीआरपीएफ के जवान धर्मेंद्र सिंह ओडिशा में नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके 12 साल के बेटे रोशन ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान वहां का माहौल भावुक हो गया। इससे पहले उन्हें वहां उपस्थित जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
CRPF के जवान धर्मेंद्र कुमार सिंह का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके गांव पहुंचा भारत माता की जयकारे से पूरा इलाका गूंज उठा। बता दें सीआरपीएफ कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार सिंह नऊपड़ा जिला के पथधारा क्षेत्र में नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गया। ये मुठभेड़ मंगलवार को छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर हुई थी।
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12 साल के बेटे ने दी पिता को मुखाग्नि:
शहीद जवान को उनके 12 साल के पुत्र रौशन ने मुखाग्नि दी। शहीद धर्मेंद्र कुमार सिंह के पैतृक गांव में उमड़े जन सैलाब ने अपने दिवंगत बेटे को श्रद्धांजलि दी। शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए ग्रामीणों के अलावा आसपास के कई गांव को लोग भी इकट्ठा हो गए। इस बीच भारत माता की जय के नारे से पूरा इलाका गुंजायमान होता रहा। बता दें कि बुधवार को देर रात शहिद धर्मेंद्र कुमार सिंह का शव उसके गांव पहुंचा था। वहीं गुरुवार को सुबह पूरे रीति-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान सीआरपीएफ के जवानों ने राइफल से फायरिंग कर अपने दिवंगत साथी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद:
इस दौरान सीआरपीएफ के डीआईजी संजय कुमार ने बताया कि धर्मेंद्र कुमार सिंह ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। पूरा सीआरपीएफ अपने साथी की वीरता को सैल्यूट करता है। बता दें कि नक्सलियों से लोहा लेते हुए ओडिशा के जंगलों में CRPF के 3 जवान शहीद हो गए थे। इनमें रोहतास के धर्मेंद्र कुमार सिंह भी थे। धर्मेंद्र कुमार सिंह अपने दो भाइयों में सबसे बड़े थे। उनकी 2 संतान हैं। शहीद जवान सरैया गांव के किसान रामायण सिंह के बड़े पुत्र थे।