How to do Hotel Managment Course : 12th के बाद होटल मैनेजमेंट कोर्स फ्री में कैसे करें ,होटल मैनेजमेंट क्या है ,पूरी जानकारी

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होटल मैनेजमेंट क्या है और Hotel Management course कैसे करे?

12वी परीक्षा पास करने के बाद अधिकतर विधार्थी के मन में सवाल होता है की आगे क्या करे ऐसे में अगर आपको अलग-अलग लोगों से मिलना, उनसे बातें करना और मेहमानों का स्वागत करना अच्छा लगता है तो आप होटल इंडस्ट्री से जुड़े होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर अपना करियर बना सकते है। होटल इंडस्ट्री ही है जो सर्विस दे कर टूरिस्ट को सभी जरुरी सुविधायें मुहैया करवा कर देश-दुनिया घूमने में सहयोग करते है. आज के इस पोस्ट में मई आपको बताऊंगा की Hotel Management क्या है और होटल मैनेजमेंट कोर्स कैसे करे? साथ ही में आपको बताऊंगा की hotel management course fees क्या है और इस hotel management course के करने के बाद career options क्या है. इसके अलावा भी बाहर सारे सवाल है जिसका जबाद इस पोस्ट में मिलेगा तो ध्यान से शुरू से लास्ट तक पढ़े.

देश से लेकर विदेश तक के पर्यटक भारत की संस्कृति, परंपराओं, सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को जानने-समझने के लिए हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं. जो की साल-दर-साल बढ़ती जा रही है इसी वृद्धि ने देश में टूरिज्म एवं इससे संबंधित होटल इंडस्ट्री को तेज रफ्तार प्रदान की है. यही कारण है कि एक बेहतरीन करियर के रूप में होटल मैनेजमेंट कोर्स उभरा है. आप अगर इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो 12वीं के बाद होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर होटल इंडस्ट्री में कदम रख सकते हैं.


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होटल मैनेजमेंट क्या है? What Is Hotel management?

हॉस्पिटैलिटी या होटल एडमिनिस्ट्रेशन के व्यवसाय को सफलता पूर्वक चलाना ही होटल मैनेजमेंट कहलाता है। Hotel Management एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हॉस्पिटेलिटी और खाने-पीने से जुड़े सभी काम शामिल होते हैं जैसे होटल, रेस्टोरेंट, रिसॉर्ट, कैफ़े, आदि। होटल एक बहुत ही बड़ी इंडस्ट्री है जिसमें कई सारे विभाग हैं लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण है उनमें हाउसकीपिंग, फ्रंट ऑफ़िसर, फ़ूड प्रोडक्शन और बेवरेज सर्विस आते है।

होटल मैनेजर का क्या काम होता है?

एक होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में होने के तौर पर आपको फाइनेंस, सर्विस, प्लानिंग और ऑर्गेनाइज़ेशन का पूरा ज्ञान होना चाहिए। अलग अलग विभाग की अलग अलग काम और ज़िम्मेदारियाँ होती हैं, जैसे कि फ्रंट ऑफ़िस का होता है मेहमानों का स्वागत करना और उनको होटल में अंदर ले जाना, और हाउसकीपिंग का काम होता है कि मेहमानों के लिए साफ-सुथरा कमरे में नए चादर, तकिए, कप, गिलास, आदि तैयार करें। इसी तरह फ़ूड और बेवरेज सर्विसेज़ का काम होता है कि वे खाने पीने से जुड़े कामों को व्यवस्थित रखे साथ ही यह भी देखना होता है कि मेहमानों के आर्डर के लिए मेन्यू तैयार है या नहीं।

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मैनेजमेंट विभाग यह सुनिश्चित करता है कि ये सभी काम अच्छी तरह और बिना रुकावट चलें साथ ही संगठन से जुड़े रोज़ के काम भी बना किसी गलती के अच्छे से किये जायें। एग्जीक्यूटिव लेवल के मैनेजमेंट का काम जैसे योग्य स्टाफ़ की नियुक्ति करना, उनकी उपस्थिति लिखना और उनके वेतन और अन्य खर्चों का हिसाब-किताब रखना होता है। यही नहीं होटल एंबिएंस (ढांचा, सुविधा) और होटल की प्रतिष्ठा का भी ध्यान भी रखना होता हैं।

उच्च स्तर के होटल मैनेजर या सुपरवाइज़र का काम बिज़नेस क्लाइंट के साथ मीटिंग और प्रेज़ेन्टेशन आदि तैयार करना होता है । कुछ और ज़िम्मेदारियाँ जिनमें समय समय पर आर्थिक परिस्थितियों का लेखा-जोखा देखना, ज़रूरत पड़ने पर ऑपरेशनल रूटीन में बदलाव करना और किसी भी नकारात्मक फ़ीडबैक मिलने पर उनमें सुधार करना, आदि शामिल होते हैं।

होटल मैनेजमेंट में करियर स्कोप

अब Hotel Management सिर्फ एक होटल तक ही सिमित नही रह गया है बल्कि इसका दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है जिसमें कई करियर राहें मौजूद हैं. Hotel Management में डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करने के बाद क्लब मैनेजमेंट, होटल और रेस्टोरेंट, हॉस्पिटैलिटी एवं कैटरिंग, एयरलाइन कैटरिंग और केबिन सविर्सेज, गेस्ट हाउस, क्रूज शिप होटल मैनेजमेंट, फॉरेस्ट लॉज, होटल और कैटरिंग संस्थान, शिपिंग कंपनी, बैंक, रेलवे, सशत्र बल के कैटरिंग विभाग, होटल एवं टूरिज्म संस्थान में नौकरी कर सकते हैं. इसके अलावा अच्छे प्रशिक्षण और कार्यानुभव रखनेवाले लोग खुद का बिज़नेस स्टार्ट कर सकते है।

Hotel Management Education Qualification | शैक्षणिक योग्यता

किसी भी स्ट्रीम में मान्यताप्राप्त संस्थान से 12वीं में 50 प्रतिशत न्यूनतम मार्क्स के साथ पास करनेवाले छात्र होटल मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री कोर्स कर सकते हैं. सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि छह महीने से लेकर एक वर्ष तक होती है. डिप्लोमा कोर्स की अवधि डेढ़ से दो वर्ष और बैचलर कोर्सेज की तीन वर्ष होती है. होटल मैनेजमेंट में स्नातक करने के बाद आप मास्टर्स भी कर सकते हैं. यही नहीं देश के कई Hotel Management शैक्षणिक संस्थानों में विभिन्न स्पेशलाइज्ड कोर्स भी कराये जाते हैं.

12वीं पास करने के बाद होटल मैनेजमेंट/होटल एडमिनिस्ट्रेशन में बी.ए./रेस्टोरेंट मैनेजमेंट/होटल मैनेजमेंट में बी.ए./ होटल मैनेजमेंट में बी.बी.ए/ हॉस्पिटैलिटी& होटल एडमिनिस्ट्रेशन में बी.एससी कर सकते हैं। और इसके बाद होटल मैनेजमेंट में एमबीए कर सकते हैं।

होटल मैनेजमेंट फीस

किसी भी होटल मैनेजमेंट कोर्स का फीस इंस्टिट्यूट/कॉलेज पर निर्भर करता है प्राइवेट इंस्टिट्यूट का फीस लगभग पचास हजार से लेकर एक लाख रूपये प्रति साल होता है वही अगर सरकारी कॉलेज की बात करे तो चालीस हजार से लेकर साठ हजार रूपये प्रतिवर्ष होता है लेकिन आप ये कोर्स स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से फ्री में कर सकते है 

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होटल मैनेजमेंट सैलरी

इस होटल इंडस्ट्री में ऑपरेशनल लेवल के कर्मचारी को प्रति महीने 9,000 से 25,000 तक सैलेरी दिया जाता हैं। वही एग्जिक्यूटिव स्तर पर काम करने वाले कर्मचारी को 25,000 से 1,50,000 रुपए प्रति महीने सैलेरी दिया हैं। एडमिनिस्ट्रेशन स्तर पर काम करने वाले कर्मचारी को प्रति साल क़रीब 75,000 से 3,00,000 तक दिया जाता हैं।

5 स्टार होटलों में सैलेरी सबसे ज़्यादा और 2-स्टार होटलों में सबसे कम दिया जाता है। 2-स्टार होटल छोटे स्तर पर काम करते हैं और उनमें बेसिक कमरे होते हैं, वे लग्ज़री होटल की श्रेणी में नहीं आते हैं। 2-स्टार होटलों में इन-हाउस रेस्टोरेंट या वेलवेट पार्किंग की सुविधा भी नहीं होती है। जैसे आप 3-स्टार से 5-स्टार की ओर तरक़्क़ी करते हैं तो उनमें सुविधाओं की संख्या बढ़ती जाती है जैसे पूल, बार, स्पा रूम, कॉफ्रेंस रूम, आदि। जैसे जैसे सुविधाएं बढ़ती जाती हैं उनके हिसाब से मैनेजमेंट को केटरिंग की व्यवस्था को ज़्यादा मेहमानों के लिए बढ़ाना होता है। इसलिए बड़े होटलों में सैलेरी ज्यादा दी जाती है बड़े होटलों में बढ़ोतरी के ज़्यादा अवसर उपलब्ध होते हैं।

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