सीतामढ़ी/पटना: माता सीता की पावन जन्मस्थली, पुनौरा धाम, अब वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान बनाने के लिए तैयार है। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (BSTDC) ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी करते हुए अहलूवालिया कंस्ट्रक्शन को आधिकारिक कार्यादेश (Work Order) जारी कर दिया है।
इस परियोजना के तहत यहाँ अयोध्या के श्री राम मंदिर की तर्ज पर एक भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा, जिसकी कुल लागत करीब 942 करोड़ रुपये आंकी गई है।
42 महीने में बदलेगी तस्वीर
सरकार ने इस वृहद परियोजना को पूरा करने के लिए 42 माह (साढ़े तीन साल) की समय-सीमा निर्धारित की है। निर्माण कंपनी ने साइट पर अपनी प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिसमें कंस्ट्रक्शन शेड बनाना और मशीनों की व्यवस्था करना शामिल है। मंदिर की मुख्य संरचना की ऊंचाई करीब 151 फीट होने का अनुमान है, जो इसे इलाके की सबसे ऊंची और भव्य इमारतों में से एक बना देगा।
खरमास के बाद शुरू होगा मुख्य निर्माण
हाल ही में जिला स्थापना दिवस के मौके पर कला, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री अरुण शंकर प्रसाद ने स्पष्ट किया था कि धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हुए, मुख्य मंदिर का निर्माण कार्य खरमास (15 जनवरी 2026 के बाद) समाप्त होते ही शुरू कर दिया जाएगा। वर्तमान में चल रही गतिविधियां केवल नींव और प्रारंभिक बुनियादी ढांचे की तैयारी तक सीमित हैं।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
* भव्य वास्तुकला: मंदिर का डिजाइन अयोध्या के राम मंदिर के मॉडल पर आधारित होगा, जिसमें नागर शैली का उपयोग किया जाएगा।
* आधुनिक सुविधाएं: श्रद्धालुओं के लिए डिजिटल संग्रहालय (Digital Museum), विशाल ऑडिटोरियम, सीता वाटिका और लव-कुश वाटिका का निर्माण।
* परिक्रमा पथ और कुंड: जानकी कुंड का सौंदर्यीकरण किया जाएगा और मंदिर के चारों ओर एक भव्य परिक्रमा पथ बनाया जाएगा।
* बुनियादी ढांचा: 50 एकड़ अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण के साथ यहाँ आने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए विश्वस्तरीय धर्मशाला और कैफेटेरिया की सुविधा होगी।
पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
इस परियोजना के पूरा होने से न केवल बिहार के 'रामायण सर्किट' को मजबूती मिलेगी, बल्कि सीतामढ़ी और आसपास के क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन के माध्यम से रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

