महाकुंभ 2025 की भव्य शुरुआत आज पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर हुई। श्रद्धालुओं का सैलाब त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने उमड़ा। अब तक लगभग 1 करोड़ श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके हैं। प्रशासन ने मेले को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
पवित्र स्नान और धार्मिक अनुष्ठान
सूर्योदय के साथ ही श्रद्धालुओं ने संगम तट पर डेरा डाल दिया। मंत्रोच्चारण और भजन-कीर्तन की गूंज से पूरा क्षेत्र आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। संतों और महंतों ने शाही स्नान की शुरुआत की, जिसके बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र जल में डुबकी लगाई।
सुरक्षा और सुविधाएं
मेले में सुरक्षा के लिए 20,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और ड्रोन से निगरानी की जा रही है। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 'टेंट सिटी' बनाई गई है, जिसमें आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। टेंट बुकिंग की दरें ₹10,000 से शुरू होकर ₹1 लाख प्रति रात तक हैं।
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प्रशासन की तैयारियां
डीएम संजय कुमार ने बताया कि महाकुंभ 2025 के लिए 25 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। मेले में बिजली, पानी, स्वच्छता और यातायात व्यवस्था के विशेष प्रबंध किए गए हैं। संगम क्षेत्र में 24 घंटे मेडिकल सुविधा उपलब्ध है।
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ हर 12 वर्षों में आयोजित होता है और इसे भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि संगम में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
आज का मुख्य आकर्षण
पौष पूर्णिमा पर पहले स्नान का विशेष महत्व।
संगम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़।
संत समाज की मौजूदगी ने माहौल को भव्य बनाया।
महाकुंभ 2025 ने पहले ही दिन श्रद्धालुओं की भक्ति और आस्था का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। आगामी दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।