पुपरी:बिहार के सीतामढ़ी (Sitamarhi) जिले में भ्रष्टाचार का एक और मामला उजागर हुआ है। सोमवार को पटना से आई निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (SUV) की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पुपरी (Pupri) अंचल के राजस्व कर्मचारी सह प्रभारी अंचल निरीक्षक भोगेंद्र झा को 51 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई जिले के प्रशासनिक गलियारों में खलबली मचाने वाली साबित हुई है।
कैसे हुआ खुलासा?
जानकारी के अनुसार, भोगेंद्र झा पर दाखिल-खारिज जैसे सामान्य कार्य के लिए रिश्वत मांगने का आरोप था। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत निगरानी विभाग से की थी। शिकायत दर्ज होते ही विभाग ने इसकी सत्यता की जांच शुरू की। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद निगरानी विभाग ने पूरी योजना के साथ सोमवार सुबह जाल बिछाया।
जैसे ही पीड़ित ने झा को रिश्वत की राशि सौंपी, निगरानी टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर झा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान झा के पास से रिश्वत की पूरी राशि बरामद की गई। इसके बाद राजस्व कर्मचारी को पटना ले जाया गया, जहां उनसे आगे की पूछताछ की जाएगी।
जिले में मचा हड़कंप
इस गिरफ्तारी की खबर मिलते ही जिले के आला अधिकारियों और राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया। आम जनता में यह चर्चा का विषय बन गया है कि सरकारी कार्यों में भ्रष्टाचार किस हद तक गहराई तक पैठ चुका है।
भ्रष्टाचार की गहराई को दिखाती घटना
यह मामला बिहार में सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है। आम जनता को दाखिल-खारिज जैसे कार्यों के लिए भी रिश्वत देनी पड़ रही है। नागरिकों का कहना है कि ऐसे मामलों के कारण आम आदमी सरकारी सेवाओं तक पहुंचने में असमर्थ हो रहा है।
मुजफ्फरपुर में भी हो चुकी है ऐसी घटना
यह पहली बार नहीं है जब निगरानी विभाग ने किसी सरकारी कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया हो। कुछ महीने पहले मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी अंचल में तत्कालीन सीओ पंकज कुमार को भी 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था।
सवाल उठता है कि कब रुकेगा भ्रष्टाचार?
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सरकारी सेवाओं तक आम नागरिकों की पहुंच बिना रिश्वत दिए संभव है? बिहार सरकार और प्रशासन को इस दिशा में कठोर कदम उठाने की जरूरत है ताकि सरकारी तंत्र को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जा सके।