साल 9 माह के वेतन के 23 लाख रुपए लौटाने का दावा कर सुर्खियों में आए बिहार के बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ ललन कुमार ने माफी मांग ली है। प्रोफेसर डॉ ललन के इस यू टर्न से विश्वविद्यालय में चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। जिस ललन कुमार के समर्थन में बातें उठ रहीं थी अब उन्हीं को लेकर तरह तरह की बातें की जा रहीं हैं। यह भी साफ हो गया है कि डॉ ललन अपना ट्रांसफर नीतीश्वर कॉलेज से पीजी सेंटर में कराना चाहते थे। इसलिए वे विश्वविद्यालय पर दबाव बना रहे थे।
ललन कुमार ने अपने माफीनामे में कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ मनोज कुमार को भेजा है। इसके बाद प्रिंसिपल ने इस माफीनामे को यूनिवर्सिटी के कुलसचिव (VC) डॉ. आरके ठाकुर को भेज दिया। अपने माफीनामे में ललन कुमार ने कहा कि स्थानांतरण कराने के लिए उन्होंने 6 बार प्रयास किए, लेकिन उनका स्थानांतरण नहीं हुआ। इसके बाद वह भावावेश में आकर उन्होंने यह फैसला लिया था।
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इधर, विश्वविद्यालय की ओर से भी इस मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। रजिस्ट्रार डॉ आरके ठाकुर ने नीतीश्वर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ मनोज कुमार के पत्र भेजकर डॉ ललन के बारे में विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है। रिपोर्ट में क्लास नहीं होने की बात पुष्ट नहीं होती है तो डॉ ललन फंस सकते हैं। डॉ ललन कुमार युनिवर्सिटी के नीतीश्वर कॉलेज में हिन्दी विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ आर के ठाकुर ने बताया कि डॉ ललन कुमार ने ट्रांसफर के लिए आवेदन दिया था। उस आवेदन के साथ 23.82 लाख का चेक भी दिया था जिसे लौटा दिया गया। नहीं पढ़ाने पर वेतन लौटाने का मामला सामने आने पर विश्वविद्यालय के स्तर पर छानबीन शुरू की गई। इस मामले में नीतीश्वर कॉलेज के प्रिंसिपल से क्लास होने या नहीं होने को लेकर जानकारी मांगी गई। इसी बीच डॉ ललन ने प्रिंसिपल के माध्यम से कुलसचिव के नाम अपना माफीनामा भेज दिया।