सीतामढ़ी: जिलाधिकारी ने समाहरणालय स्थित परिचर्चा भवन में बाढ़ एवं सुखाड़ पूर्व तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में डीएम मनेश कुमार मीणा ने एजेंडावार सबंधित पदाधिकारीयो से समीक्षा की जिसमे आपदा प्रभारी शम्भूनाथ द्वारा पीपीटी के माध्यम से बताया गया कि पूरे जिले में मोबाइल मेडिकल टीम की संख्या 31 एवं कैम्पों की संख्या 64 है।
लोक स्वास्थ्य प्रमंडल द्वारा जिले में कुल 31091 चापाकल कार्यरत है, क्लोरीन टैबलेट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। लाइफ जैकेट 83 एवं मोटर बोट की संख्या 12 है। जिले में 38450 पॉलिथीन सीट्स उपलब्ध है, वही 20000 और पॉलिथीन सीट्स अधियाचना की गई है। वहीं जिले में 7 बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण किया जाना है जिसमें दो बाढ़ आश्रय स्थल रुनीसैदपुर में तैयार हो गया है, अन्य पांच आश्रय स्थल हेतु अंचलों में भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है।
जिला सांख्यिकी कार्यालय द्वारा सभी 17 प्रखंडों में वर्षा मापक यंत्र अधिष्ठापित किया गया है जो सभी कार्यरत है। आपातकालीन संचालन केंद्र का संपर्क नंबर 06226-250316 है जो 24×7 कार्य करता है। संभावित बाढ़ प्रभावित 17 प्रखंडों में 59 पशु शरण स्थल चिन्हित किया गया हैं वहीं 34 पशु चिकित्सा कैंप का चयन हुआ है। वही समीक्षा क्रम में तटबंधों का निरीक्षण एवम सुरक्षा, वर्षापात एवम नदियों के जलस्तर पर नजर,नावों की उपलब्धता एवम उनका निबंधन, मानव एवम पशुओं के लिए चिन्हित शरण स्थली की वर्तमान स्थिति, मानव एवम पशुओं के लिए सभी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, खाद्यान्न की उपलब्धता, गोताखोरों की सूची,आपदा मित्रो की उपयोगिता,सड़को की मरम्मती, संचार योजना,बाढ़ की स्थिति में आकस्मिक फसल योजना एवम बाढ़ पीड़ितों को राहत राशि उपलब्धता, संभावित सुखाड़ से निपटने हेतु की जाने वाली तैयारी आदि के सम्बंध में कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए गये।
डीएम ने निर्देश दिया कि सभी शरण स्थली का भौतिक सत्यापन कर वहां सभी आवश्यक सुविधाओं का निरीक्षण कर लें, विशेषकर शुद्ध पेयजल की उपलब्धता एवं शौचालय की व्यवस्था को जरूर देख लें। मानव दवा की उपलब्धता एवं पशुओं की दवा की उपलब्धता को लेकर डीएम ने कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डायरिया सर्पदंश सहित सभी आवश्यक मानव दवाओं एवं पशुओं की सभी आवश्यक दवा ससमय उपलब्धता को लेकर अभी से योजना बनाकर कार्य शुरू कर दे।
डीएम ने उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को मानव स्वास्थ्य देखभाल हेतु कर्मियों की प्रतिनियुक्ति एवं जीवन रक्षक दवाओं हैलोजन टेबलेट, ब्लीचिंग पाउडर, डीडीटी आदि की उपलब्धता को लेकर आवश्यक निर्देश दिया। साथ ही ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव को लेकर अभी से ही पिछले अनुभवों को देखते हुए पूरी प्लानिंग कर ले। डीएम ने निर्देश दिया कि गोताखोरों की सूची एवं मोबाइल नंबर जिला नियंत्रण कक्ष को उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने जिला संचार योजना को अपडेट करने का निर्देश दिया जिसमे इसमें जिला स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक सभी महत्वपूर्ण मोबाइल नंबर शामिल करेंगे ।
डीएम ने कहा कि तटबंधों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करेंगे। डीएम ने निर्देश दिया कि बाढ़ के समय प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओ, धातृ महिलाएं, दिव्यांग लोगो को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े इसको लेकर अभी से ही ड्यू लिस्ट बना ले। इसके अतिरिक्त पॉलिथीन सीट की उपलब्धता ,पशु चारे की उपलब्धता, खाद्यान्न के संधारण हेतु गोदामों का चिन्हित किया जाना, नाव की उपलब्धता एवं उनका निबंधन किया जाना , आदि को लेकर भी समीक्षा उपरांत डीएम ने संबंधित अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए।एवं हर हप्ते समीकक्षात्मक बैठक करने का निदेश दिया।
उक्त बैठक में डीएसपी मुख्यालय राम कृष्णा जिला परिवहन पदाधिकारी रविन्द्र नाथ गुप्ता, सिविल सर्जन सुरेश चन्द्र लाल, नगर आयुक्त मुमुक्षु चौधरी डीपीओ आईसीडीएस रोचना माद्री, जिला शिक्षा पदाधिकारी अवधेश कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी विजय कुमार पांडये, सबंधित विभागो के कार्यपालक अभियंता, सभी एसडीओ, सभी प्रखंड के नोडल पदाधिकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी आदि उपस्थित थे।