सीतामढ़ी में 13 करोड़ 35 लाख की लागत से नवनिर्मित जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान सह 200 बिस्तरों वाला छात्रावास का किया उदघाटन..

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बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में सीतामढ़ी का लगातार बढ़ता कदम।

सीतामढ़ी: माननीय मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से डुमरा प्रखंड के मधुबन में 13 करोड़ पैतीस लाख  की लागत से नवनिर्मित जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान सह 200 बिस्तरों वाला छात्रावास का  उदघाटन किया। इस उदघाटन कार्यक्रम में जिलाधिकारी सुनिल कुमार यादव एवम पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय ने एसआईटी परिसर स्थित मतगणना केंद्र से वर्चुअल माध्यम से भाग लिया वही सिविल सर्जन सहित तमाम  स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मधुबन स्थित नवनिर्मित जीएनएम संस्थान से वर्चुअली भाग लिया। यह संस्थान 1 एकड़ 60 डिसमिल में निर्मित है।इसमें 200 बेड का छात्रावास के साथ साथ सिक्युरिटी रूम भी है।  गौरतलब हो कि  यह बेहतर  स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में सीतामढ़ी का लगातार बढ़ता कदम है।   


माननीय मुख्यमंत्री,बिहार श्री नीतीश कुमार  ने 10 अगस्त 2021 को करोड़ो की लागत से बने नवनिर्मित 100 बिस्तरों वाला मातृ एवम शिशु अस्पताल,आरटीपीसीआर लैब एवम एएनएम प्रशिक्षण संस्थान एवम छात्रावास का वर्चुअल माध्यम से उदघाटन किया  किया था,वही  कई हेल्थ एवम वेलनेस सेन्टर,उप स्वास्थ्य केंद्र  आदि का   वर्चुअल माध्यम से शिलान्यास भी  किया था। 

जिलाधिकारी ने कहा कि आज स्वास्थ्य सेवाओं  के क्षेत्र में जिलेवासियों को एक और महत्वपूर्ण सौगात मिला है।उन्होंने कहा कि आधुनिक चिकित्सकीय सुविधाओ से युक्त मातृ एवम शिशु अस्पताल से जिलेवासियों विशेषकरआर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए  काफी सहायक सिद्ध हो रही है।उन्होंने कहा कि उपरोक्त स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ जिलेवासियों को पूरी सहजता से मिल सके इसे हर हाल में सुनिश्चित करने को लेकर संबधित अधिकारियों  को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि एवम गुणवत्तापूर्ण बनाकर कोरोना की संभावित तीसरी लहर  का हम आसानी से मुकाबला कर सकते है। 

गौरतलब हो कि उपरोक्त संस्थानों के तेजी से निर्माण कार्य को लेकर जिलाधिकारी ने पिछले दिनों कई बार सदर अस्पताल का निरीक्षण भी किया है।उन्होंने कहा कि कोरोनो की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए वर्तमान परिपेक्ष्य में जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि अत्यंत जरूरी है,और इस दिशा में नवनिर्मित जीएनएम संस्थान, मातृ-शिशु अस्पताल,आरटीपीसीआर लैब,एएनएम प्रशिक्षण संस्थान,हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर का निर्माण मील का पत्थर साबित होगा। 

इसके अतिरिक्त  सदर अस्पताल परिसर में 75 लाख की लागत से निर्मित आरटी पीसीआर जांच लैब की स्थापना से अब कोरोना जाँच के लिए  जिले के बाहर सैंपल भेजने की आवश्यता नही रह गई है।अब 24 घण्टे में आरटीपीसीआर जाँच रिपोर्ट प्राप्त होना संभव हुआ है।  उन्होंने कहा की सदर अस्पताल में पहले से ही 5 बेड के डायलिसिस यूनिट कार्य कर रहा है। अब डायलिसिस के लिए बाहर नही जाना पड़ता है। 




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